अमीर - ए - शहर के घर में बड़ा उजाला है,न जाने कौन सा तूफान आने वाला है - इक़बाल अशर


अमीर - ए - शहर के घर में बड़ा उजाला है
न जाने कौन सा तूफान आने वाला है 

हमारी रूह में ये चांदनी खिली कैसे 
हमें तो वक़्त की तारिखिओ ने पाला है

तेरे ख्याल से रोशन है मेरी तन्हाई 
कहा चराग जला है कहा उजाला है 

ये किसने दस्त को दुल्हन बना दिया साहिब 
तलाश कीजिये पैरो में किसके छाला है

ये फूल फूल सा लहेजा संभाल कर रखिये
यहाँ तो उंच सदओ का बोल बाला है 


इक़बाल अशर 

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