रफ्ता रफ्ता वो मेरे हस्ती का सामां हो गये - तस्लीम फ़ज़ली, मेहदी हसन



रफ्ता रफ्ता वो मेरे हस्ती का सामां हो गये
पहले जां, फिर जानेजां, फिर जानेजाना हो गये

दिन-ब-दिन बढती गईं इस हुस्न की रानाइयां
पहले गुल, फिर गुल-बदन, फिर गुल-बदामां हो गए
रफ्ता रफ्ता वो मेरे...

आप तो नज़दीक से नज़दीक-तर आते गए
पहले दिल, फिर दिलरुबा, फिर दिल के मेहमां हो गए
रफ्ता रफ्ता वो मेरे...

प्यार जब हद से बढ़ा सारे तकल्लुफ मिट गए
आप से, फिर तुम हुए, फिर तू का उनवाँ हो गए
रफ्ता रफ्ता वो मेरे...

Lyrics By: तस्लीम फ़ज़ली 
Performed By: मेहदी हसन

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