राम एक सत्य जिसका है प्रमाण जानकी ~ अमन अक्षर



जो है इस कथा के प्राण उनके प्राण जानकी 
राम एक सत्य जिसका है प्रमाण जानकी 

पुण्य एक था मगर थे पुण्य के घड़े अलग 
युद्ध एक था मगर दोनों ही लड़े  अलग 
जो न थे किसी के राम राम थे खड़े अलग 
जानकी के राम राम से भी थे बड़े अलग 

इस कथा से है बड़ा अलग विधान जानकी 

धर्म की कथा मर्म इक नया दिया 
अपने साथ राम को भी राम में रमा दिया 
जानकी ने इसको अर्थ धर्म से बड़ा दिया 
राम की कथा को प्रेम की कथा बना दिया 

भावना से भी अधिक है अर्थवान जानकी 

इसमें क्या नया है लाख तर्क जो गये 
तुमको लग रहा है सिर्फ राम ही सुने गये 
इक सरल सी बात जिसके अर्थ अनसुने गये 
जानकी ने हाँ कहा तो राम जी चुने गये  

शब्द शब्द अर्थ अर्थ स्वाभिमान जानकी 

प्रीत का नया ही रूप गढ़ रही थी जानकी 
पीछे पीछे चलके आगे बढ़ रही थी जानकी 
जैसे मंदिरों की सीढ़ी चढ़ रही थी जानकी 
राम लिख रहे थे राम पढ़ रही थी जानकी 

राम जिसके हो गए सहज सूजन जानकी 
राम एक सत्य जिसका है प्रमाण जानकी 

~ अमन अक्षर ~

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