तुमको इस जीवन में साथ कुछ दिन और ठहरना था - अमन अक्षर


अपना दुःख लेकर इक दिन भी जग के पास नहीं आये 
इतना  हम भी जग को रास नहीं आये 
इक ऒर बरसते आंसू  का जंगल आगे 
राम करे अपने हिस्से कोई वनवास नहीं आये 
हम वनवासी होते भी तो युग के राम कहे जाते 
तुमको सीता होने से इक बार मन तो करना था 
तुमको इस जीवन में साथ कुछ दिन और ठहरना था. 

अमन अक्षर 

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