ऐ नदी हम अभी चलते हैं फिर - अमन अक्षर



ऐ नदी हम अभी चलते हैं फिर
कभी बैठकर दोनों बतिआयेंगे

कुछ दिए साथ में हम लिए आएंगे
चाहते हैं तुम्हारी लहर संग बहे
बस यही रास्ता प्रिय तक जायेगा
एक  नए प्यार की  मन्नते ये कहें

अर्थ जो भी सपन बन नयन में रहे
सब तुम्हारी ही तो गोद  में आएंगे
ऐ नदी हम अभी चलते हैं फिर
कभी बैठकर दोनों बतिआयेंगे

तुमने तोड़े हमारे घरोंदे बहुत
स्वप्ना और याद के न महल तोडना
हमने छोड़ी पुरानी सभी आदतें
तुम भी अपनी  आदतें  छोड़ना

इस जनम है प्रणय गीत गाने बहुत
फिर किसी जन्म में हम तुम्हे जाएंगे
ऐ नदी हम अभी चलते हैं फिर
कभी बैठकर दोनों बतिआयेंगे

तट तुम्हारे सभी सरहदों में बंधे
हमको भी तो तट का बंधन मिले
देह के इस नगर अपना जी ही नहीं
मन के देहात में मन सा जीवन मिले

हमने जो भी कहा मित्रवत कह दिया
फिर कभी इसका मतलब भी समझायेंगे
ऐ नदी हम अभी चलते हैं फिर
कभी बैठकर दोनों बतिआयेंगे

अमन अक्षर


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