कब कहाँ इस बहाने से रोते हैं हम - अमन अक्षर



कब कहाँ  इस बहाने से रोते  हैं हम 
साथ के छूट जाने से रट हैं हम 
मौत रोने की मोहलत भी देती नहीं 
एक जीवन के जाने से रोते  हैं हम 

अमन अक्षर


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