मन का कुछ भी नहीं सांस के योग हैं - अमन अक्षर


मन का कुछ भी नहीं सांस के योग हैं 
ग़म हो या हो ख़ुशी दोनों ही रोग हैं 
आप रोटी हुई उम्र के साथ हम 
ज़िन्दगी से निभाते हुए लोग हैं 

अमन अक्षर 

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