मुझको मेरी आवाज़ ने चलने से पहले टोका था - अमन अक्षर


मुझको मेरी आवाज़ ने चलने से पहले टोका था 
तुम तन्हा हो सोच के खुद को रुकने से भी रोका था 
मेरी आँखों के आगे तो निश्छल सा सांसर हैं
जिस्कने हमको दूर किया था सो भी अपना प्यार था 

अमन अक्षर 


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