हम छिपाते हैं जिसको बातों में, आँख वो दास्ताँ सुनती है - अमन अक्षर


रोज़ रिश्ता नया निभाती है 
दिल का हर रास्ता बताती है 
हम छिपाते हैं जिसको बातों में 
आँख वो दास्ताँ सुनती है 

अमन अक्षर 


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