अँखियों को रहने दे, अँखियों के आस पास - आनंद बक्षी / लता मंगेशकर / बॉबी (1973)

टूटके दिल के टुकड़े टुकड़े हो गए मेरे सीने में
आ गले लगके मर जाएं, क्या रखा है जीने में

अँखियों को रहने दे, अँखियों के आस पास
दूर से दिल की बुझती रहे प्यास

दर्द ज़माने में कम नहीं मिलते
सब को मोहब्बत से ग़म नहीं मिलते
टूटने वाले दिल होते हैं कुछ खास
दूर से दिल की बुझती रहे प्यास

रह गई दुनिया में नाम की खुशियाँ
तेरे मेरे किस काम की खुशियाँ
सारी उम्र हमको रहन है यूँ उदास
दूर से दिल की बुझती रहे प्यास

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लेखक / गीतकार : आनंद बक्षी
गायिका : लता मंगेशकर
फिल्‍म : बॉबी (1973)

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